सूफियाना सी बंदगी है और दुआएं उम्रभर; कोशिश करके भी जाम ख़ाली न रहा साकी। सूफियाना सी बंदगी है और दुआएं उम्रभर; कोशिश करके भी जाम ख़ाली न रहा साकी।
प्यार की "आज़म"नहीं की बातें वो ज़ुबां का रोज़ ही तीखा रहा। प्यार की "आज़म"नहीं की बातें वो ज़ुबां का रोज़ ही तीखा रहा।
'आज फिर बेफ़िक्री का जाम छलकाना है, आज भी बेपरवाह साकी की तलाश बाकी है।' जीवन की उदासी को बयाँ करती ... 'आज फिर बेफ़िक्री का जाम छलकाना है, आज भी बेपरवाह साकी की तलाश बाकी है।' जीवन की...
'ये जो साक़ी ने फिर एक जाम भर डाला है, शायद अब मुझे हराने के इंतेज़ाम हो रहे है।' जीवन के उतर-चढाव को ... 'ये जो साक़ी ने फिर एक जाम भर डाला है, शायद अब मुझे हराने के इंतेज़ाम हो रहे है।' ...
फकत दिल को करार उससे मुलाकात के तस्व्वुर में है, ये ज़िन्दगी अब उसके इंतजार में रुकी फकत दिल को करार उससे मुलाकात के तस्व्वुर में है, ये ज़िन्दगी अब उसके इंतजार म...
सिसकियां कुछ कह रही थी उसकी, जानें क्यों चुप-सी रो रही थी, सबकी नजरों से छुप रही थी, सिसकियां कुछ कह रही थी उसकी, जानें क्यों चुप-सी रो रही थी, सबकी नजरों से छ...